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क्‍यों होती हैं रेप जैसी वारदातें, क्‍या है समाधान? ll भारत और विदेशी देशो की सजाओ में अंतर

कई इलाकों में बच्चियों के साथ हुई दरिंदगी के बाद ऐसे आरोपियों को फांसी की सजा की मांग के लिए देश भर में आवाज उठाई गई। महिलाओं और बच्चियों से रेप की वारदात को रोकने और दोषियों को कड़ी सजा देने के मकसद से केंद्रीय कैबिनेट ने क्रिमिनल लॉ (अमेंडमेंट) ऑर्डिनेंस-2018 को मंजूरी दे दी है. इसके तहत 12 साल से कम उम्र की मासूमों से रेप के दोषियों को मौत की सजा का प्रावधान किया गया है. शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया
 इसके बाद शनिवार को केंद्र सरकार ने 12 साल तक की बच्ची के साथ रेप के मामले में फांसी की सजा का प्रावधान कर दिया है। रेप कानून में सख्त सजा का प्रावधान किया गया था और इसके तहत रेप विक्टिम मरनासन्न अवस्था में पहुंच जाए तो फांसी की सजा का प्रावधान किया गया था। 





महिला से बलात्कार किया जाना भारतीय कानून के तहत गंभीर श्रेणी में आता है। इस अपराध को अंजाम देने वाले दोषी को कड़ी सजा का प्रावधान है। इस अपराध के लिये भारत दंड संहिता में धारा 376 व 375 के तहत सजा का प्रावधान है

धारा 376 में सजा : अधिकतम सजा उम्रकैद है। केस की स्थिति के अनुसार अदालत 7 और 10 साल की सजा सुनाती है। पीड़िता की मौत होने पर फांसी की सजा भी हो सकती है।

ज़्यादातर लोगों को लगता है कि रेप के मामलों में IPC की धारा 376 लगती है. असल में धारा 375 में रेप की परिभाषा बताई गई है, जबकि 376 में सज़ा के बारे में बताया गया है. धारा 375 में चार हिस्सों में बताया गया है कि कौन सी हरकतें रेप की श्रेणी में आती हैं:-

1. अगर कोई पुरुष जबरन किसी महिला की योनि, गुदा या मुंह में किसी भी सीमा तक लिंग डालता है
2. अगर कोई पुरुष जबरन किसी महिला के इन्हीं अंगों में अपने लिंग के अलावा शरीर का कोई अंग या कोई दूसरी चीज़ किसी भी सीमा तक डालता है
3. अगर कोई पुरुष किसी महिला के शरीर के किसी अंग को जबरन उसकी योनि, गुदा या मुंह में डालता है
4. अगर कोई पुरुष जबरन किसी महिला की योनि या गुदा पर अपना मुंह लगाता है
धारा 375 में 7 ऐसे हालात का ज़िक्र भी है, जिनके तहत इन हरकतों को रेप माना जाएगा:-
1. अगर ऐसा महिला की इच्छा के खिलाफ किया गया हो
2. अगर ऐसा महिला की सहमति के बिना किया गया हो
3. अगर ऐसा महिला को डरा-धमकाकर उसे सहमत कराके किया गया हो
4. अगर पुरुष को पता हो कि वो महिला का पति नहीं है, जबकि महिला को ये भरोसा हो कि पुरुष उससे कानूनन शादी करेगा
5. अगर ऐसा मानसिक अस्वस्थ महिला को बहला-फुसलाकर किया गया हो. या बेहोशी की हालत में किसी महिला से सहमति ली गई हो, जब वो पुरुष की हरकतों का नतीजा समझने की हालत में न हो
6. अगर ऐसा 16 साल से कम उम्र की लड़की के साथ किया गया हो, फिर भले ही उसने सहमति दी हो या न दी हो
7. अगर कोई महिला सहमति देने या विरोध करने की स्थिति में न हो और उसके साथ ये सब किया गया हो
विभिन्न देशों में बलात्कार के अपराधियों को दी जाने वाली सजा को देखें –
सिंगापुर में रेप के लिए सजा

यहां चौदह साल की बच्ची के साथ रेप करने पर अपराधी को 20 साल की जेल, जुर्माना और कोड़े मारने की सजा दी जाती है।


अमेरिका में रेप के लिए सजा

अमेरिका में पहले बच्चों के साथ रेप पर मौत की सजा दी जाती थी लेकिन बाद में इस कानून को बदल दिया गया। अब बलात्कारियों को मौत की नहीं बल्कि कैद की सजा दी जाती है।

मलेशिया में रेप के लिए सजा

मलेशिया में बलात्कारी को सबसे ज़्यादा 30 साल जेल की सजा भुगतनी होती हैं इसके साथ ही उन्हें कोड़े मारने का प्रावधान भी है।

फिलीपिंस में रेप के लिए सजा

यहां पर बलात्कारी को मौत की सजा नहीं दी जाती लेकिन बलात्कारी को अपने इस जुर्म के लिए बिना जमानत के 40 साल तक जेल में ही रहना पड़ता है।

ऑस्ट्रेलिया में रेप के लिए सजा

यहां पर बलात्कार करने की सजा 15 से 15 साल तक की जेल है।

कनाडा में रेप के लिए सजा



कनाडा में रेप करने पर आरोपी को अधिकतम 14 साल जेल की सजा होती है।

दक्षिण अफ्रीका में रेप की सजा

दक्षिण अफ्रीका में रेप की सजा में पहली बार दोषी पाए जाने पर 15 साल जेल, दूसरी बार 20 साल जेल और तीसरी बार 25 साल जेल की सजा का प्रावधान है।


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